चौपाई
सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा। गावहिं मुनि पुरान बुध बेदा।।
अगुन अरुप अलख अज जोई। भगत प्रेम बस सगुन सो होई।।
जो गुन रहित सगुन सोइ कैसें। जलु हिम उपल बिलग नहिं जैसें।।
जासु नाम भ्रम तिमिर पतंगा। तेहि किमि कहिअ बिमोह प्रसंगा।।
राम सच्चिदानंद दिनेसा। नहिं तहँ मोह निसा लवलेसा।।
सहज प्रकासरुप भगवाना। नहिं तहँ पुनि बिग्यान बिहाना।।
हरष बिषाद ग्यान अग्याना। जीव धर्म अहमिति अभिमाना।।
राम ब्रह्म ब्यापक जग जाना। परमानन्द परेस पुराना।।
दोहा/सोरठा
पुरुष प्रसिद्ध प्रकास निधि प्रगट परावर नाथ।।
रघुकुलमनि मम स्वामि सोइ कहि सिवँ नायउ माथ।।116।।
Two Book View
ramcharitmanas
1.116
Pages |
ramcharitmanas
1.116
चौपाई
सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा। गावहिं मुनि पुरान बुध बेदा।।
अगुन अरुप अलख अज जोई। भगत प्रेम बस सगुन सो होई।।
जो गुन रहित सगुन सोइ कैसें। जलु हिम उपल बिलग नहिं जैसें।।
जासु नाम भ्रम तिमिर पतंगा। तेहि किमि कहिअ बिमोह प्रसंगा।।
राम सच्चिदानंद दिनेसा। नहिं तहँ मोह निसा लवलेसा।।
सहज प्रकासरुप भगवाना। नहिं तहँ पुनि बिग्यान बिहाना।।
हरष बिषाद ग्यान अग्याना। जीव धर्म अहमिति अभिमाना।।
राम ब्रह्म ब्यापक जग जाना। परमानन्द परेस पुराना।।
दोहा/सोरठा
पुरुष प्रसिद्ध प्रकास निधि प्रगट परावर नाथ।।
रघुकुलमनि मम स्वामि सोइ कहि सिवँ नायउ माथ।।116।।
Pages |